मेरे भैया के एक मित्र राजीव मुझे कम्प्यूटर पढ़ाया करते थे। रोज सवेरे स्कूल जाने से पहले मैं एक घण्टे के लिये वहाँ जाती थी। मैं बाहरवीं कक्षा की छात्रा हूँ। ऐसा नहीं है कि कभी मैं चुदी ही नहीं ! मैं कुछ दिन पहले भावना में बह कर अपने चाचा के लड़के से चुदा बैठी थी, बस तब से मेरी चूत इस छोटी सी ही उमर में आग का गोला बनी हुई थी। रात को अक्सर गन्दे ख्यालों से घिर कर मेरी चूत में से पानी निकल जाता था। मेरा मन हमेशा ही गन्दे और वासनायुक्त से विचलित होता रहता था। मैं साधारणतया एक गुलाबी रंग का स्ट्रेच टाईट्स पहनती थी और ऊपर एक कसा हुआ बनियान नुमा टॉप होता था। मुझे उस समय तक नहीं पता था कि मेरे चूतड़ों की गोलाइयाँ उस टाईट्स में बड़े गोल गोल और बीच में बम्बास्टिक गहराई दिखा करती थी। इसी अनजाने में जाने कितने लोगों की नजरे मेरे नक्शों को बड़े चाव से निहारती थी। इन सबका आनन्द लेने वालों में खुद राजीव भी एक था। एक दिन सवेरे सोफ़े पर बैठ कर राजीव मुझे कम्प्यूटर पढ़ा रहे थे तो मैंने उसकी जेब से कुछ छोटी सी चीज निकल कर सोफ़े पर गिरते देख ली और वो सरक कर सोफ़े के पीछे दरार में घुस गई। मैंने जान लिया था कि वो एक पेन ड्राईव है, जिसे वो बहुत सम्भाल कर रखता था। बात बस इतनी सी ही थी कि मैंने उसे चुपके से उठा ली। जी हाँ !
Part: 1
July 30th, 2011 at 11:36 am
download nahi ho raha hai
August 5th, 2011 at 10:31 am
SUNIAJEE MAA BETE KI CHUDAI KI KAHANI
SUNAO NA
August 11th, 2011 at 9:44 am
Mera land 8 inch hai sunia ji ak bar hame bhi chance digiye na.
August 27th, 2011 at 3:00 am
soniya ji apki site se download ki hui story awaz bahut kam hoti hai kisi story me to aawaz bilkul hoti hi nahi hai, iska aapko khyal rakhna chahiye