उस दिन इतवार था । छुट्टी का दिन था । मैंने बाथ रूम में रेज़र बगैरह तैयार करके रख लिया था । मैं सवेरे सवेरे अपनी झांटे बनाने जा रही थी क्यों की अक्सर इतवार को कोई न कोई मुझे चोदने आ ही जाता है । मैंने अपने सारे कपडे उतार कर रख दिया और बिलकुल नंगी हो गयी । मेरे कदम बाथ रूम की तरफ बढ़ ही रहे थे की मेरे दरवाजे की घंटी बज गयी । मैंने चूंचियों तक पेटीकोट पहना और आहिस्ता से दरवाजा खोला तो मेरे सामने खड़ा था अंकित । हां मेरे कॉलेज का एक नौजवान लड़का । मैंने उसको अन्दर कमरे में । बैठाया और दरवाजे की सिटकिनी बंद कर दी और पेटीकोट उतार कर फेंक दिया । मैं उसके सामने एकदम नंगी हो गय मैंने कहा :- यार, अंकित बहुत बहुत मुबारक हो तुम्हे ? मेरी सहेली तेरे लन्ड की दीवानी हो गयी है । उसको तुम्हारा लन्ड बहुत पसंद आया । कह रही थी की ऐसा लौडा बड़ी मुस्किल से मिलता है । दस लन्ड पकडती हूँ तब कहीं जाकर अंकित के लन्ड जैसा एक लन्ड मिलता है । अंकित बोला :- तो तुम्हारी सहेली कितने लन्ड पकड़ चुकी है मैंने जबाब दिया :- अरे पूंछो न यार ? वह तो हर रोज किसी न किसी का लन्ड लिए पड़ी रहती है । और हर दिन मुझे लन्ड के नये नये किस्से सुनाया करती है । मादर चोद बड़ी बेशरम हो गयी है मेरी दोस्त ? उसको तो लन्ड पकड़ने में कोई देर भी नहीं लगती ? पता नहीं कैसे वह लडको को पटा लेती है और फ़ौरन किसी न किसी तरीके से उसका लौडा पकड़ लेती है ।….
August 12th, 2011 at 5:14 pm
मस्त कहानी है मेरी जान
August 13th, 2011 at 8:14 pm
very hot story dear
August 29th, 2011 at 10:15 am
jaan.. aa ke choos le mera lauda.. m a gr8.. sex guru..