तृप्ति रविवार को मेरे ऑफिस में आई तो मैंने उससे अपने दिल की बात कही। मैंने कहा- जब से तुमने ज्वाइन किया है, मैं तब से तुम पर फ़िदा हो गया था और मैं नहीं चाहता था कि कोई और मेरे और तुम्हारे बीच में आये, इसी लिए मैंने तुमको पाने के लिए अपनी जी जान लगा दी। मुझे पता चल चुका था कि तृप्ति सिर्फ पैसे वालों को लाइन देते थी और मेरे पास पैसे की कोई कमी नहीं थी, लिहाजा मैंने उसको पूरी तरह से इम्प्रेस कर लिया था। मैं शादी-शुदा था ये बात भी उसको पता थी पर फिर भी वो मुझको मन ही मन पसंद करने लगी थी और मुझे क्या टाइम पास चाहिए था। बस वो मेरे जाल में फंसती चली गई और मैंने भी सोचा एक दिन, इससे पहले कि वो ऑफिस छोड़ के जाए मुझे इसके काम लगाना है। बस इसीलिए मैं उसे काम के बहाने रविवार को भी ऑफिस बुलाता था। उस दिन मैंने तृप्ति की चूची दबाने का मन बना लिया था तो मैंने कुछ काम के बहाने उसे अपने पास बिठा लिया और अपने पीसी पर काम करने को कहा। वो मान गई। वो मेरे ऊपर झुक कर मेरे पीसी पर काम करने लगी और मैंने धीरे से अपने नजर तृप्ति की चूची की तरफ घुमाई तो मुझे तृप्ति की पूरी चूची उसकी कुरते के अंदर नजर आ गई। उसने काले रंग की ब्रा पहनी थी। उसकी बड़ी बड़ी चूची देख कर मेरा लण्ड आउट ऑफ़ कण्ट्रोल होने लगा।