Tension Dur Ho Gaya

Posted Jun 07th, 2011 by Sunia Sharma in Audio, Blog, Main
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मैं दिन भर घर में अकेली होती हूँ। बस घर का काम करती रहती हूँ, मेरा दिल तो यूँ तो पाक-साफ़ रहता है, मेरे दिल में भी कोई बुरे विचार नहीं आते। मेरे पति प्रातः नौ बजे कार्यालय चले जाते हैं फिर संध्या को छः बजे तक लौटते हैं। स्वभाव से मैं बहुत डरपोक और शर्मीली हूँ, थोड़ी थोड़ी बात पर घबरा जाती हूँ। मेरे पड़ोस में रहने वाला लड़का आलोक अक्सर मुझे घूरता रहता था। यूँ तो वो उमर में मुझसे काफ़ी छोटा है, कोई 18-19 साल का रहा होगा और मैं 25 साल की भरपूर जवान स्त्री थी। फिर मन तो चंचल होता ही है ! उसका यूँ घूरना मेरे मन में आनन्द की लहर भी उठा देता था और फिर मैं डर भी जाती थी। कभी कभी मैं उसे देख कर शंकित हो उठती थी कि ये मुझे ऐसे क्यूं घूरता रहता है। कहीं यह लड़का बदमाश तो नहीं है ? कहीं अकेले मौका देख कर मुझे पकड़ ना ले ? चोद देगा, उंह ! वो तो कोई बात नहीं, पर कहीं यह मुझे ब्लैकमैल करने लगा तो? इसका असर यह हुआ कि मैं भी कभी कभी उसे यहाँ-वहाँ से झांक कर देखने लगी थी कि वो अब क्या कर रहा है। पर ऐसा करने से तो उसकी ओर मैं कुछ अधिक ही आकर्षित होने लगी थी। उसकी जवानी मुझे अपनी तरफ़ खींचती अवश्य थी, पर डर भी बहुत लगता था। आखिर एक मर्द में और एक औरत में आकर्षण तो स्वाभाविक है ना। फिर अगर वो मर्द सुन्दर, कम उम्र का हो तो आकर्षण और ही बढ़ जाता है। उसे झांक-झांक कर देखने के कारण वो मुझे बहुत ही अपना सा लगने लगा था। उसकी सौम्य, मधुर मुस्कान मेरे हृदय में बसने लगी थी।….

Comments (2)

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aryans4444's avatar

aryans4444 · 722 weeks ago

Sunia ji aap apni website aur sponsors ko to support karne ko bolti ho par aap hum logo ki baat ka reply nahi karti ho aur nahi aapne abhi tak meri request puri ki hai.

Ab to batao gandi galiyon wali story aap kab read karogi.
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aryans4444's avatar

aryans4444 · 722 weeks ago

Pls reply sunia ji.
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