मैं जानता था कि यह राखी कपूर एक नंबर की चुद्दकड़ है। ये स्वयंवर वाली बात तो महज पब्लिसिटी बटोरने का एक तरीका है उसे कोई शादी वादी नहीं करनी है। ऐसी फुद्दैड़ औरतों को शादी विवाह और घर गृहस्थी जैसी बातों में तो ज़रा भी विश्वास नहीं होता। इन्हें तो बस किसी भी तरह दौलत और शोहरत चाहिए भले ही किसी भी कीमत पर मिले। पता नहीं साली ने कितने लंड खाए होंगे पर नाटक तो ऐसा करती है जैसे कोई छुईमुई और एक दम अक्षत-यौवना ही हो। …… इसी कहानी में से सच कहूँ तो यह कहानी अरमान की ही है। उसने मुझे जाल-संवाद के दौरान बताई थी। मैंने तो बस इसे कहानी का रूप देकर संपादित ही किया है। लेकिन इससे क्या फर्क पड़ता है। आप सभी कहानी का लुत्फ़ तो ले ही सकते हैं..