Sulgate Jism 2

Posted Jan 31st, 2011 by Sunia Sharma in Audio, Blog, Main
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नई जवानी थी … कुछ ही देर में वो फिर से तरोताज़ा था। मेरी चूत को अब उसका लंबा और मोटा लौड़ा चाहिये था। उसके लिये मुझे अधिक इन्तज़ार नहीं करना पड़ा। मैंने उसे अपनी चूंचियाँ दर्शा कर प्यार से फिर उकसाया। उसका नंगा बदन मुझे बार बार चुभ रहा था … मेरी चूत उसका लण्ड देख कर बार बार फ़ड़फ़ड़ा रही थी। पर मन की बात कैसे कह दूँ … स्त्री सुलभ लज्जा के कारण बस मैं उसके लण्ड को बड़ी तरसती हुई नजरों से देख रही थी। “भाभी आपने तो कपड़े पहन लिये … ये क्या … मुझे देखो … मेरा तो लण्ड … ” मैंने शरम के मारे उसके मुख पर अंगुली रख दी, पर वो तो मेरी अंगुली ही चूसने लगा। “आह्ह्ह सुनील, ऐसा मत बोल … तूने तो मेरी पिछाड़ी को आज मस्त कर दिया … अब और क्या मुझे पूरी नंगी करेगा … ” “देखो अगर नहीं हुई तो ,मैं जबरदस्ती नंगी कर दूंगा … तुम्हें एक बार तो दबा के चोदना तो है ही !” मेरा मन एक बार फिर से उसके हाथों नंगा होने को और चुदने को मचल उठा। “देखो बात तो बस छूने तक ही थी ना … ये और कुछ करोगे तो मैं मारूंगी … हांऽऽऽऽऽ !”..

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