सर्वविदित है कि जवानी बड़ी जालिम होती है। ये जाने लड़कों और लड़कियों से क्या क्या करवा बैठती है। मुझे भी अपने कॉलेज के समय में एक लड़के से दोस्ती हो गई थी। उसका नाम सुधीर था। हम लोग मिलने के लिये अक्सर एक झील के किनारे आते जाते थे। यूं तो वहा कितने ही जोड़े आते थे। पर वो सभी अपने आप में व्यस्त रहते थे। हम लोग वहां बस चाट और ठण्ड़ा ही लेते थे और बस यूँ ही बतिया कर चले आते थे। पर हां, मेरे दिल में अब कुछ कुछ होने लगा था। मैं आज से चार साल पहले चुदाई का लुफ़्त उठा चुकी थी, पर फिर मै डर गई थी कि यदि मुझे गर्भ रह जाता तो क्या होता? पर नहीं हुआ। फिर कुछ दिन और चुदाया पर सावधानी रखी। आज फिर दिल में कुछ ऐसा ही हो रहा था। पर आजकल मैं भी औरों की तरह पिल्स के बारे में जानती थी, और साथ में रखती थी। एक दिन एक अच्छी अंग्रेजी पिक्चर देखने का सुधीर ने प्रोग्राम बनाया । कहता था कि मस्त मूवी है … मजा आ जायेगा। कॉमेडी मूवी थी। मैं उसका मतलब खूब समझ रही थी। वो हॉल में मुझसे खेलना चाहता था। जैसे ही मुझे ये लगा, मेरी चूत में पानी उतर आया। मैं मजे लने के लिये तैयार थी। मेरी चूंचिया मसलवाने के लिये तड़प उठी। मेरी चूत में कोई अंगुली करे … हाय ये सोच कर मेरा शरीर वासना से भर उठा। हम दोनों हाल में गये और एक कोने में बैठ गये … कम ही लोग थे। सुधीर बहुत ही उत्तेजित लग रहा था। बार बार मूवी की तारीफ़ कर रहा था। मुझे भी लगा कि जरूर मूवी अच्छी ही होगी। मूवी चालू हो चुकी थी। मुझे अंग्रेजी कम ही आती थी सो चुपचाप बैठी रही। सो सब कुछ सर के ऊपर से निकल रहा था। जब सब हंसते तो मै भी हंस देती थी। जोश में सुधीर मुझे हंसते हुये कभी पीठ पर मार देता था कभी कंधे पर। पर अब तो उसने मेरा हाथ भी पकड़ लिया था। मुझे झुरझुरी आने लग गई थी। मैं अपने आप को हर प्रकार से तैयार कर चुकी थी। मुझे लगा कि वो जल्दी से मेरी चूंचियाँ दबा दे…..
June 16th, 2011 at 9:31 am
Bahut mazedar kahani
maza aa gaya
June 16th, 2011 at 4:05 pm
Thank You
July 16th, 2011 at 7:15 am
Very nice story give me ur no… U want to talk u …..