हेलो दोस्तो ! मेरी पहली कहानी के लिए कई मेल मुझे मिले। हर एक की सोच एक सी नहीं होती। माँ और बीवी के घर आने के बाद हम लोग अब एक जीजा-साली की तरह व्यव्हार करने लगे और रात होने का इंतजार भी कर रहे थे और मन ही मन ये सोच कर लण्ड खुश हो रहा था कि आज एक और कुंवारी चूत मिलेगी। खैर दिन कट गया और रात आ गई। फिर हम सभी लोगों ने एक साथ खाना खाया। मम्मी-पापा अपने कमरे में चले गए और हम लोग भी अपने कमरे में आ गये, मैं, मेरी बीवी और साली ! साली ने मेरी ओर ऐसे देखा कि जैसे मुझे बुला रही हो। मैं उसका इशारा समझ गया। मैं बीवी से थोड़ा सा खेला और उससे बोला कि अब तुम सो जाओ मैं भी सो जाऊंगा ! और इतना बोल के मैं उसके चुचूक चूसते-२ सोने का नाटक करने लगा और वो सो गई।..
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