मैं कहने लगा- वन्दना, मुझे बहुत भूख लगी है ! वन्दना ने कहा- हाँ क्यो नहीं ! अभी दो मिनट में खाना लगाती हूँ। और फिर हम दोनो ने बैठकर खाना खाया। खाने खाने के बाद मैंने कहा- वन्दना जी आप इस घर में अकेली ही रहती हैं या फिर साथ में और भी कोई रहता है? वन्दना ने कहा- जय आप मुझे वन्दना ही कहो। चलो बेडरूम में चलते हैं हम दोनों वन्दना के बेडरूम चले गये, बेड पर बैठकर बातें करने लगे। वन्दना ने कहा- जय मैं जिन्दगी मैं बिल्कुल अकेली हो गई हूँ, जब से शादी हुई है पहले तो पति साथ रहता था, हम दोनों बहुत ही खुश थे, पर धीरे-2 सब कुछ इतना बदल गया कि मैं आपको क्या बताऊँ ! यह कहकर वन्दना रोने लगी। मैंने वन्दना से कहा- जो भी कुछ हुआ, उसमें आपका क्या कसूर है ! जो भी होना था, वो हो गया, आपके पति घर आते तो होगें?..
You must be logged in to post a comment.