दोस्तों मेरा नाम बबलू है और एक बार फिर से अपनी अगली चुदाई की दास्तान के साथ आप सब के सामने हाज़िर हूँ। दोस्तो, प्रेम अंकल से चुद चुद कर मुझे लौड़े का चस्का लग गया। मुझे गांड मरवाने का नवाबी शौक पड़ गया और मुझे यह नवाबी शौक लगाकर अंकल खुद बंगाल जा बैठे। मैं उनके लौड़े के बिना तड़फने लगा, मचलने लगा। समझ में न आता कि गांड की प्यास किस तरह, किस से बुझवाऊं। तभी याहू चेटरूम से मुझे कुछ गुर मिले और मैंने उन गुरों का इस्तेमाल करने की सोची। एक दिन जब सभी घर से चले गए, मैं स्कूल से फूट कर घर वापस आ गया। गर्मी बहुत थी, जब दोपहर हुई, सोचा, कोई सेल्समेन आ जाये या फिर कोई और। तभी रददी वाले की आवाज़ सुन झट से उठा रूम का ए.सी ओन किया और गेट की तरफ गया। मैंने देखा, एक हट्टा कट्टा आदमी था, रंग में भले सांवला था। मुझे रददी बेचनी है ! हाँ जी ! लाओ ! मैं उसको अपने साथ अन्दर ले गया और उसको स्टोर में से अखबार उठाने को कहा। वो अखबार उठा कर ले गया। सोचा, कैसे शुरुआत करूँ?…