हेल्लो दोस्तों ! आपके ईमेल मुझे मिले और मुझे खुशी हुई कि आपको मेरी कहानी अच्छी लगी। तो मैं कहानी का दूसरा भाग आपको बताने जा रहा हूँ- फ़िर उस रात मेरे एक दोस्त की बाइक लेकर मैं और प्रीति शादी में से निकल गए। उसने मुझे पीछे से पकड़ रखा था और जब हम थोडी सुनसान जगह पहुंचे तो उसने उसका हाथ मेरे शर्ट के अन्दर डाल दिया, उसके स्पर्श से मेरे तन में गर्मी आ गई और मैं उसे एक होटल में ले गया। होटल में मैंने एक कमरा बुक करना चाहा तो मैनेजर ने कहा – सर, मेडम ! नॉन एसी रूम चलेगा? मैंने कहा- ठीक है ! उसने होटल में १७ नम्बर का कमरा खुलवा दिया और हम दोनों कमरे में आ गए। मैंने कमरे में आते ही प्रीति को कहा- प्रीति आज मैं तुम्हें अपना बना के रहूँगा तो उसने कहा- आप की जो मर्जी हो वैसा करो लेकिन में आपसे बहुत प्यार करती हूँ इसलिए मुझे भी आप अपना पूरा प्यार देना ! उसकी इस बात ने मेरी वासना को और भड़का दिया, मैंने उसका लांचा खोल दिया और वो मुझसे लिपट गई। मैंने भी कुरता पहना था, उसने उसे खोल दिया, फिर उसने मुझे बेड पर बिठा दिया और कहा- प्रतीक ! आज हमारी सुहाग रात है !..
You must be logged in to post a comment.