भाभी अपने एक एक अंग को मेरे शरीर के ऊपर दबा रही थी, सिसक रही थी… चुम्बनों से मेरा मुख गीला कर दिया था। लण्ड मेरा फ़ूलता ही जा रहा था। लग रहा कि बस भाभी की चिकनी चूत को मार ही दूँ। भाभी के हाथ जैसे कुछ ढूंढ रहे थे… और … और यह क्या … ढूंढते हुए उनका हाथ मेरे तने हुए लण्ड पर आ गया। उन्होंने उसे छू लिया … मेरा दिल अन्दर तक हिल गया। दो अंगुलियों से मेरे लण्ड को पकड़ लिया और हिलाने लगी। मुझे कुछ बचैनी सी हुई… पर मैं हिल ना सका… भाभी ने मेरे होंठों में अपनी जीभ डाल दी और मुझे कस कर चिपका लिया। मुझे एक अजीब सी सिरहन दौड़ गई। मेरे हाथ अपने आप भाभी की कमर पर कस गये। मेरा बड़ा सा लण्ड अचानक भाभी ने जोर से दबा दिया। मेरे मन में एक मीठी सी वासनायुक्त चिंगारी भड़क सी उठी। “भाभी, आह यह कैसा आनन्द आ रहा है … प्लीज और जोर से दबाओऽऽ !” मैं सिसक उठा। “आह मेरे भैया … क्या मस्त है … ” भाभी भी अपनी सीमा लांघती जा रही थी। “भैया, अपना पजामा उतार दो !” मेरे दिल यह सुनते ही बाग बाग हो उठा… आखिर भाभी का मन डोल ही गया। अब भाभी को चोदने का मजा आयेगा। नंगा होना पड़ेगा… मुझे तो शरम आयेगी !”..
Part: 2
April 1st, 2011 at 9:34 am
sunia sharma je thanks thanks thanks q aap ne ya side nekala may aap ka bhut bhut khas dost bangaya ho aap ke aawz suna kar may aap se pyar karne laga ho plz plz my number 09709896229 plz 1 bar aap muse bat karna i miss u all time aap ka side mujha bus net search karte karte mila hai madam may bihar se ho bhagalpur se and my name raj hai.
April 4th, 2011 at 1:20 pm
suniaji, story padhne me ghalti mat kiya karo na, sunne ka maza kharab ho jata hai, kahani ko aise padho jaise khud tumhari chudayi ho rahi ho….
January 18th, 2012 at 3:58 pm
You actually make it appear really easy together with your presentation but I find this topic to be really one thing that I believe I would never understand. It kind of feels too complicated and very broad for me. I am looking ahead to your subsequent post, I will attempt to get the grasp of it!