अपनी पिछली कहानी “पापा के दोस्तों ने चोदा- 1” में आपने पढ़ा कि किस प्रकार पापा के दो दोस्तों ने सीमा हमारे घर में ही चोदा। वो अलग बात है कि इसके लिये उन्हें कोई विशेष कोशिश नहीं करनी पड़ी। सीमा तो वैसे ही चुदने के लिये मरी जा रही थी। उसी कड़ी में पेश आगे की कहानी … यह कहानी भी मैं सीमा की ओर से ही पेश कर रहा हूं … उस रात गुरुबचन अंकल और अकील अंकल ने जो कमरतोड़ चुदाई की उसका असर दूसरे दिन तक रहा। तीसरे दिन अकील का फोन आया, मैं घर में अकेली थी … हैलो … हाय रानी!!! कैसी है … ? कौन बोल रहा है … मैं चौंक गई। आय! हाय! दो दिन में ही लन्ड पच गया … ओह! अकील अंकल … … मैं आवाज पहचानते ही बोली। अनायास ही मेरा हाथ चूत पर पहुँच गया। अब अंकल तो मत कह रानी … क्या कर रही थी … अकेली ही है ना? हाँ … क्यों … क्या करना है … मैं शोखी से बोली।…
March 3rd, 2011 at 9:35 pm
Yaar tum ho kahan ki mai tumse milna chahta hun