सभी प्यासी चूत-मरियों को मेरे गीले लौड़े का सलाम ! मेरा नाम शशांक रावत है, मैं कक्षा 12 का छात्र हूँ। … असल में मैं बिगड़े बाप की सुधरी औलाद था उस समय हमारे विद्यालय में एक नेपाली लड़का आया था, उसका नाम उत्कर्ष थापा था, नया छात्र होने के कारण उसका काम पिछड़ा हुआ था जिसे पूरा करने के लिए वो मेरा नोट्स ले जाया करता था। धीरे धीरे हमारी दोस्ती और गहरी होती गई। एक बार बातों बातों में मैंने उससे अन्तर्वासना के बारे में बताया। शुरू में तो उसे थोड़ा आश्चर्य हुआ, लेकिन बाद में मुझे पता चला कि वो तो मेरे बाप का भी बाप है। हम लोग एक साथ ब्लू फिल्में देखने लगे। एक बार मैं ब्लू फिल्म की सी.डी देने के लिए उसके घर गया। मैंने बाहर से आवाज़ लगाई पर कोई बाहर नहीं आया। मैं दरवाज़े के पास गया तो दरवाज़ा खुला था। अन्दर जाने पर लगा कि घर पर कोई नहीं था। तभी मुझे बाथरूम से कोई आवाज़ सुनाई देने लगी। मैंने सोचा कि थापा नहा रहा है, इसलिए मैं उसके कमरे में जाकर बैठ गया। थोड़ी देर में मैं बोर होने लगा.. मैंने सोचा क्यूँ ना थोड़ी मस्ती की जाए !…
You must be logged in to post a comment.