इतना चुदने के बाद तो एक कुतिया भी थक जाती है और फिर नीलू तो एक अट्टारह साल की नव-युवती थी। उसका पूरा जिस्म टूट रहा था। उसकी दोनों टांगें अभी भी फैली हुई थीं। एक हाथ कमर के पास और एक हाथ सर के ऊपर था। मैंने उसका एक मम्मा अपने मुँह में लिया और उसे चूसा। नीलू बोली- तुम थकोगे नहीं? कब तक मेरी लेते रहोगे? मैंने कहा- मेरी रानी, तू है ही इतनी मस्त लौंडिया कि बार बार तुझे चोदने का मन करता है। यह लंड है कि मानता ही नहीं। उसने मेरे लंड को बड़े ध्यान से देखा- धीरे से हाथों में लिया और कहा- क्या सबके लंड इतने ही बड़े होते हैं? और इतने मोटे? मैंने कहा- मेरी जान जिस तरह लौंडियों के मम्मे अलग अलग साइज़ के होते हैं, लंड भी अलग अलग साइज़ के होते हैं। नीलू ने कहा- अब क्या करना है? मैंने झट से कहा- नीलू, मुझे तुम्हारी गांड मारनी है। नीलू बोली- बिल्कुल नहीं ! बहुत दर्द होगा..।
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