बात यह हुई कि एक साल पहले मेरी मौसी ने मुझे अपने गाँव बुलाया था, वहाँ मैं पंद्रह दिन रहा। इस दरमियाँ मैने उनकी बेटी माधवी को कस कर चोदा, मेरी यह पहली चुदाई थी। हम दोनों ने एक दूजे से वचन लिया था कि चुदाई का राज़ हम किसी से नहीं कहेंगे। लेकिन माधवी ने अपना वचन तोड़ दिया। दो महीने बाद मेरी बहन रिया को मौसी के घर जाना हुआ, माधवी ने कुछ व्रत रखा था। उस वक़्त माधवी ने रिया से बता दिया कि कैसे हमने चुदाई की थी। जब रिया वापस आई तब ख़ुद चुदवाने के लिए बेताब हो चुकी थी। ‘छोटी बहन को चोदा’ कहानी में आपने पढ़ा कि कैसे रिया ने मुझ से चुदवाया। अब मैं मूल कहानी पर आता हूँ एक साल पहले गर्मी की छुट्टियों के दौरान मौसी ने मुझे अपने गाँव बुला लिया। मैं वहाँ पहुँचा तब पता चला कि मौसा बिज़नेस के काम से मुंबई गये हुए थे और परीक्षा के कारण परेश दो सप्ताह बाद आने वाला था। माधवी की परिक्षाएँ ख़त्म हो गई थी इसलिए वो आ गई थी। मैं थोड़ा नाराज़ हुआ लेकिन क्या कर सकता था ? माधवी और मौसी मुझे मिल कर बहुत ख़ुश हुए। मेरे ये मौसा बिहारी लाल और मौसी भानुमति कई बरस पहले ईस्ट अफ़्रीका गये थे, वहाँ उन्होंने बहुत पैसे कमाए। परेश और माधवी वहाँ जन्मे और बड़े हुए।..
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