मैं संजय एक बार फिर अपनी आपबीती आपको बताना चाहता हूँ। मेरी पहले की कहानी आप लोगो को बहुत पसंद आई, उम्मीद है आपको यह भी पसंद आएगी। जब तक मैं मोना के साथ रहा, हमने सेक्स के बहुत मज़े लिए पर उसी बीच एक ऐसी बात हो गई जिसने मुझे बहुत डरा दिया। मुझको लगा कि अब न तो मुझको मोना के शरीर से खेलने का मौका मिलेगा और डाँट भी पड़ेगी।
हुआ यह कि एक दिन मोना दोपहर में मेरे घर आई, उस वक़्त घर में कोई नहीं था। मैंने उसको अन्दर बुला कर दवाजा बंद कर लिया, उसको अपनी बाहों में ले लिया और चूमने लगा पर वो अपने को मुझसे दूर करके बिस्तर पर बैठ गई। मैंने उससे पूछा- जान ! क्या बात है? आज मन नहीं है या कुछ और कारण है? मोना बोली- एक परेशानी हो गई है ! मेरी दीदी को सब कुछ पता चल गया है और वो कह रही है कि वो यह बात सबको बता देगी ! संजय, मुझको बहुत डर लग रहा है ! कुछ करो !मैंने उसको समझाया कि मैं कुछ करुंगा और उसको प्यार करके घर भेज दिया। मैंने उसको तो समझा दिया पर मन ही मन में मैं खुद बहुत डर गया था। मैं मोना की दीदी को जानता था, वो कॉलेज़ में पढ़ती थी और गुस्से वाली भी थी। वो कुछ भी कर सकती थी सो डर लगना ही था।..
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