उसकी खुद की फ़ट गई” का दूसरा भाग सनी भाई की राह पकड़ कर मैं खुश हूँ और उनके जैसे हथकंडे जैसे ही मैंने अपनाए, मेरे ऊपर तो लौड़ों की बरसात हो गई। उसका नमकीन स्वादिष्ट पानी भी पीना पड़ा था और फिर किसी के आने की आवाज़ सुन कर वो मेरी गांड में घुसा हुआ लौड़ा निकाल भागा। हाय मेरी किस्मत ! इतनी मुश्किल से मिला था, लेकिन जिनकी वजह से वो भागा, वो भी देहाती थे उनके साथ मैं कमरे में गया तो वहाँ एक और देहाती सा दिखने वाला एक बंदा था। मैं समझ गया कि आ हरीश बेटा, तेरी पांचों घी में हैं ! वो दारु पी रहा था और उसने तीन पेग बनाये। मैंने कभी नहीं पी थी लेकिन उन्होनें मुझे पिला दी। दोनों ने उस बंदे से कहा- यह गांडू है ! वहाँ गांड मरवा रहा था, हम इसको यहाँ लेकर आ गए ! अच्छा किया ! कितने दिन से लौड़ा पानी छोड़ने को बेकरार था !