Mast Kamwali Sona Bai

Posted Feb 07th, 2011 by Sunia Sharma in Audio, Blog, Main
Please sign in or create a free account to download this audio file

सोना कई वर्षों से घर में नौकरानी का काम करती थी। नीरजा और करण पति पत्नी थे और उनकी कोई सन्तान नहीं थी। करण का व्यवसाय अच्छा चल रहा था। नीरजा तो बस अपनी सहेलियों के साथ किटी पार्टी और दूसरे कामों में लगी रहती थी। उसका झुकाव करण के एक व्यवसायी मित्र आनन्द और मन्जीत की तरफ़ भी था। उनकी और नीरजा की मित्रता के कारण वो करण को अधिक समय नहीं दे पाती थी, रात्रि-मिलन भी कम ही हो पाता था। करण को उसके इन सम्बन्धों का पता था, ऐसे में कई महीनों से करण का झुकाव घर की नौकरानी सोना की तरफ़ हो चला था। उसका बदन तराशा हुआ था। वो दुबली पतली इकहरे बदन की थी, उसकी छातियाँ सुडौल और मांसल थी। बदन पर लुनाई थी। कसे बदन वाली सोना से करण कई बार प्रणय की कोशिश भी कर चुका था। पर सोना सब समझ कर भी उनसे दूर रहती थी। उसे पता था कि नीरजा को पता चलेगा तो उसकी जमी हुई नौकरी हाथ से चली जायेगी। सोना का दिल भी करण को चाहने लगा था।…

Comments

Loading... Logging you in...
  • Logged in as
Login or signup now to comment.
There are no comments posted yet. Be the first one!

Comments by