मेरे तायाजी के लड़के यानि सुमित भैया कनाडा में दो साल के ट्रेनिंग के लिए गए तो विशाखा भाभी हमारे यहाँ रहने के लिए आ गई। कारण कि तायाजी चाहते थे कि भाभी को अकेलापन ना लगे, तायाजी अकेले ही हैं इसलिए। सुमित और विशाखा की शादी भी कुछ एक महीने पहले हुई थी। भाभी मुझसे दो साल बड़ी है। मेरी शादी केवल दस दिन पहले ही हुई थी। सयाली और मैं नई-नई शादी का पूरा मजा ले रहे थे, जब भी समय मिलता, हम दोनों कमरे में बंद हो जाते। भाभी हमें खूब चिढ़ाती। लेकिन सयाली चिढ़ती नहीं, बल्कि भाभी को उलटा चिढ़ाती और कहती- भाभी कभी अचानक हमारे कमरे में मत आ जाना ! नहीं तो आपकी और साथ ही मेरी भी हालत खराब हो जायेगी। दोनों खूब मजाक करती। धीरे-धीरे भाभी की तड़प हम दोनों के सामने भी दिखाई देने लगी। एक दिन सयाली ने मुझसे कहा- जानू, भाभी की हालत देखी नहीं जाती ! कल रात को मैंने उन्हें तकिया दबाते हुए और सिसकी भरते हुए देखा तो मुझे उन पर बहुत तरस आया ! भैया तो अभी दो साल के बाद आयेंगे। उन्होंने तो भाभी के साथ केवल थोड़ी रातें बिताई हैं।….
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