Main Kya Karu

Posted Jul 11th, 2011 by Sunia Sharma in Audio, Blog, Main
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मेरे स्वभाव में दो बातें शामिल हैं, एक तो मुझे गुस्सा बहुत आता है, दूसरा मैं काफी उत्तेजक तथा कामुक हूँ। क्रोध में मैं अपना मानसिक संतुलन खो बैठती हूँ, इसी गुस्से की वज़ह से मैं तीन वर्ष पूर्व मायके आ गई थी, पति के लाख मनाने पर भी वापस नहीं गई, इसकी एक खास वजह यह थी कि वे मुझे ठीक तरह चोद कर संतुष्ट नहीं कर पाते थे, ऐसा समझ लीजिये कि वे मेरी चुदाई इच्छा पूरी नहीं कर पाते थे, उनके पास रह कर भी मेरी भावनाएं इधर उधर भटकती थी। मायके आकर मैंने एक नौकरी पकड़ ली थी। यहाँ मेरी मुलाक़ात एक युवक से हुई जो देखने में सुन्दर और स्वभाव से बहुत चंचल था। छोटी छोटी मुलाकातों में उसकी ओर खिंचती चली गई। उसका नाम प्रशांत था। प्रशान्त की चाहत ने दिल में एक आग और तड़प पैदा कर दी। प्रशान्त को मालूम था कि मैं शादीशुदा और एक बच्चे की माँ हूँ। पता नहीं कहाँ से मेरे दिल में यह डर बैठ गया कि प्रशान्त मेरे प्रेम को ठुकरा न दे। ऑफिस में कई बार उससे बात होती थी मगर दिल का हाल होठों पर आने से पहले ही मेरे होंठ काँप उठते थे।….

Comments (3)

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nice story, thanks
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how to post stories on this site ... please anybody tell me
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