सुबह के करीब ६ बजे थे । किसी ने दरवाले पर दस्तक दी । मैंने जैसे ही दरवाजा खोला तो देखा की मेरी दोस्त सोफिया मेरे सामने खड़ी है । मैंने कहा यार सोफिया तू सवेरे सवेरे ही आ गयी है कोई खास बात है क्या ? वह बोली हां खास बात ही तो है ? कल रात मे तुम जब क्लब से चली आयी तो फ़िर सभी मर्दों के नाम लिख लिख कर पर्चियां बनाई गयी । फिर लाटरी निकाली गयी । उसके बाद जितनी बीवियाँ थी उनसे कहा गया की आप लोग एक एक पर्ची उठाये । जिस बीवी की पर्ची मे जिस मर्द का नाम लिखा होगा वह आने वाले शनिवार को यही इसी हाल मे सबके सामने उसी मर्द से चुदवायेगी । मैंने कहा अच्छा तो फ़िर क्या हुआ ? उसने कहा फ़िर क्या सभी बीवियों ने एक एक पर्ची उठाई । मैंने भी उठाई । मैंने जैसे ही उसे खोल कर देखा तो उसमे तेरे हसबैंड का नाम लिखा था । इसका मतलब की मैं शनिवार को तेरे हसबैंड का लौडा पकडूँगी और सबके सामने उससे चुदवाऊँगी । पर मुझे तो अभी से शर्म आने लगी है । मैं कैसे सबके सामने तेरे हसबैंड से चुदवाऊँगी ? मैं पहली बार ऐसा खेल रहूँ न ? ये तो अच्छा हुआ की तेरे हसबैंड का नाम निकला अगर किसी गैर मर्द का नाम निकलता तो मैं तो मर ही जाती ? मैंने कहा अरी पगली मेरा हसबैंड भी तो तेरे लिए गैर मर्द है ।……..
You must be logged in to post a comment.
August 5th, 2011 at 12:53 pm
thanks sunia ji
August 6th, 2011 at 3:16 am
SUNIAJEE PLZ MAA BETE KI CHUDAI KI KAHANI GALIYO K SATH SUNAO NAA
August 6th, 2011 at 5:36 am
sale tu bhi apni maa ko chadta hai kya
August 7th, 2011 at 5:34 am
very well narrated…
i enjoyed the dirty words used…
mujhe gaand marne waali story achi lagti hai…
looking forward for more such stories
August 7th, 2011 at 9:20 pm
suniaji , aapko ye sab kahaniyan sunate hue sharm nahin aati ?
August 16th, 2011 at 6:24 am
yawr jb terko suntey huey sharam nhi aati toh usko sunatey time kaiki sharam
August 7th, 2011 at 9:42 pm
@ lovebird > bilkul bhi nahin.. I enjoyed….
August 9th, 2011 at 7:17 pm
aap kaise enjoy karti hain. kahani sunate sunate garam ho jaati hongi , tab kya karti ho ?