Kudi Patang Ho Gai

Posted Apr 09th, 2011 by Sunia Sharma in Audio, Blog, Main
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आज मेरी बड़ी बहन को हॉस्पिटल में दाखिल करवा दिया था। उसकी डिलिवरी होने वाली थी। जीजू भी यहीं घर पर आ गये थे। यूं तो वे इसी शहर में रहते थे, और एक सरकारी विभाग में कार्य करते थे। झीलें उन्हें विशेष रूप से पसन्द हैं। उन्हें दीदी के साथ झील के किनारे घूमना अच्छा लगता है। वो मुझे भी अपने साथ अक्सर घुमाने ले जाते थे। घूमते समय जीजू कई बार दीदी के चूतड़ के गोले दबा देते थे। यह देख कर मेरे दिल में एक मीठी सी सिरहन दौड़ जाती थी। मुझे लगता था कि काश कोई मेरे चूतड़ों को भी जोर से दबा डाले। जीजू कभी कभी मुझसे भी दो धारी बातें कर लेते हैं … उन्हें टोकने पर उनका जवाब होता था- भई, साली तो आधी घरवाली होती है … साली से मजाक नहीं करेंगे तो फिर किस से करेंगे … ? बस एक मीठी सी टीस दिल में घर कर जाती थी। आज भी शाम को मम्मी के होस्पिटल जाते ही जीजू झील के किनारे घूमने के लिये निकल पड़े थे, मुझे भी उन्होंने साथ ले लिया था। जीजू मेरा बहुत ख्याल रखते हैं। अपनी मोटर-बाईक वो एक रेस्तरां के सामने खड़ी कर देते थे, फिर वो लगभग दो किलोमीटर पैदल घूमते थे। आज भी उन्होंने घूमते समय उन्होने मेरी मनपसन्द की चीज़ें मुझे खिलाई। रास्ते भर वो हंसी मजाक करते रहे। मैं रास्ते में उनका हाथ पकड़ कर इठला कर चलती रही। जीजू की चुलबुली बातों का चुलबुला उत्तर देती रही। वो भी हंसी मजाक में कभी कभी मेरे चूतड़ों पर हाथ मार देते थे, कभी मेरी पीठ पर हल्के से मुक्का मार देते थे। दो तीन दिन में जीजू मेरे बहुत करीब आ गये थे।…

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Soniaji is kahani mei awaz hi nahi aa rahi hai 2 baar dow'ed kar liya hai
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