मैं यानि नितिन गुप्ता फ़िर एक बार आपके लिए एक कहानी तो नहीं बल्कि एक सच्ची दास्तान लिखने जा रहा हूँ. दोस्तों समय बरबाद न करते हुए अपनी असली बात पर आते हैं, बात उन दिनों की है जबकि मैंने नया नया मोबाइल ख़रीदा था. उन दिनों प्रीपेड कनेक्सन नहीं होते थे, सब कोई पोस्ट पेड यानी बिल वाले मोबाइल ही प्रयोग किया करते थे. मैंने मोबाइल ख़रीदा तो कॉल का आना जाना भी जरुरी था. लेकिन किसी का फ़ोन ही नहीं आता था. एक दिन मुझे एक कागज़ पर एक नम्बर लिखा हुआ मिल गया, उस पर नम्बर के साथ किसी लड़की का नाम भी लिखा हुआ था. मेरे मन में आई कि क्यूँ ना इस नम्बर पे कॉल की जाए. सो मैंने कॉल कर दिया. वहां से लड़की की आवाज़ आई -जी कौन? मैंने कहा- जी क्या मैं शालू से बात कर सकता हूँ? वो बोली- जी आप बात कर रहे हैं !मैं हैरान था क्योंकि कागज़ पर जिस लड़की का नाम लिखा था उसका नाम अंजना था. मैंने भी बातों का सिलसिला जारी रखा। मैंने कहा कि आप तो भूल ही गए हमें लेकिन हम आपको नहीं भूल पाए…
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