कम उमर से ही मेरी सहेली ने मुझे यौन शिक्षा में प्रवीण कर दिया था। मैं चूत, लण्ड, चूचियों के बारे में सब जानने लग गई थी। उसके कम्प्यूटर पर अकसर चुदाई के सीन भी देखती रहती थी। मोमबत्ती से मजा लेना मेरी सहेली ने मुझे सिखा दिया था। उन्हीं दिनों दीदी को देखने एक लड़का हरियाणा से आया हुआ था। बड़ा ही सुन्दर और बेहतरीन जिस्म का मालिक था वो। वो तो मेरी दीदी को देखते ही उस पर फ़िदा हो गया था। मैं भी दीदी की तरह ही सुन्दर दिखती थी। उसकी नजर मुझ पर भी पड़ी। उसकी टेढ़ी नजर मैं तुरन्त पहचान गई। पापा ने उसे हमारे गेस्ट-रूम में ठहराया था। होने वाले जीजू को खाना देना, नाश्ता देना मेरा ही काम था। मुझे छोटी जान कर वो कभी कभी मुझे अपनी तरफ़ खींच कर प्यार भी कर लेता था। उसके इस व्यवहार से मुझे बहुत आनन्द आता था।…