मैं पहली बार कोई कहानी लिख रहा हूँ। यह मेरी वास्तविक कहानी है। मैं ट्युशन पढ़ाने का कार्य करता हूँ। बात उस समय की है जब शमा परवीन नाम की एक लड़की ट्युशन पढ़ने आई। पहले ही दिन से उसे देखकर ना जाने मेरे मन में क्या होने लगा। हालांकि मैंने सैकडों लड़कियों को पढ़ाया है पर उसे देखकर ना जाने मेरे मन में क्या-क्या उमंगें उठने लगी। वार्षिक परीक्षा के बाद जब सभी छात्र आखरी दिन मिलने आये तब वह बहुत जोर-जोर से रोने लगी और कहने लगी- अब तो हम सभी आपसे जाने कब मिलेंगे ! तब मैंने कहा- इसमें रोने की क्या बात है तुम जब चाहो मेरे मोबाईल पर कॉल करके मुझसे बातें कर लिया करना। यह सुनकर उसने रोना बंद कर दिया। उसके बाद उसने अगले दिन मुझे कॉल किया। तब हमने थोड़ी बहुत बातें की और उसके बाद हमारी बातों का सिलसिला चल पड़ा और यह सिलसिला धीरे-धीरे कब प्यार में बदल गया दोनों को पता ही नहीं चला।..