अब क्रिस्टीना भी कुछ अपने मुँह में लेना चाहती थी। वह थोड़ी देर बाद वह नीचे खिसक गई और मेरा लण्ड मुंह में लेकर चूसने लगी। फिर कुछ देर बाद मैंने भी पलटी खाते हुए 69 की पोजीशन बनाते हुए, उसकी पेंटी निकाल दी और उसकी रसीली मुलायम झांटदार चूत का रसास्वादन करने लगा। मैं अपनी जबान उसकी नर्म और गर्म चूत मे अंदर बाहर कर, उसे चुदाई का अहसास देने लगा। कुछ देर तक अनवरत जिह्वा-चोदन करने के बाद मुझे अपने मुंह में कुछ गर्म द्रव का अहसास हुआ और फिर क्रिस्टीना कांपती हुई ठंडी पड़ गई। मैं समझ गया कि वह झड़ गई है। लेकिन मैंने अपने जीभ-चोदन के कार्यक्रम को नहीं रोका, तो नतीजे में कुछ देर में ही वह दुबारा गर्म हो गई। अब मैंने उसे बिस्तर पर लिटा दिया और मैं उसके ऊपर आ गया। फिर मैंने अपने लण्ड उसकी चूत में प्रवेश करा दिया। उस क्षण को मैं शब्दो में बयान नहीं कर सकता। शायद समय शायद स्वयं भगवान भी मेरे सामने आकर खड़े हो जाते तो, मैं उनसे भी कह देता,”हे भगवान जी, अभी तो मुझे क्षमा करें। कृपया थोड़ी देर के लिये तो आप चले ही जायें। कोई वरदान वगैरह भी देने की इच्छा हो तो, कृपया थोड़ी देर बाद फिर से आ जाना !..
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