गुरु जी को बहुत बहुत प्यार, नमस्कार ! पाठकों और मेरे आशिकों को जिन्होंने चैट में मेरे से बात की, मेरी नंगी गांड और लड़कियों जैसा जिस्म देखा। होली के बहाने का पहला भाग आपने पढ़ा, अब आगे लिखने जा रहा हूँ ! वो बोला- कभी चुसवाया नहीं था इसलिए जल्दी छूट गया ! उसने मुझे कस कर अपने जिस्म से चिपका लिया। कोई बात नहीं ! खड़ा करना आता है मुझे ! कुछ पल हम वैसे ही लेटे रहे, वो मेरे चुचूक चुटकी से मसलने लगा। मैं पहले ही गर्म था, दोस्तो क्या मजा आ रहा था लेकिन अभी जिसके लिए में उसके पास आया था मेरा वो मकसद नहीं पूरा हुआ था, मतलब अभी मेरी प्यासी गांड की, हाँ प्यासी गांड की प्यास कहाँ बुझी थी ! लेकिन मुझे उसके लौड़े से पूरी उम्मीद थी वो दोबारा खड़ा होगा।..
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