कैसे है आप सब इस बार फ़िर से हर बार की तरह बहुत सारे मेल मिले और मै आप सबका एक बार फ़िर से धन्यवाद अदा करता हूं कि आप लोग मुझे इतने सारे मेल करते है और मेरी कहानियों को पसंद भी करते है। वेल, अब मै अपनी कहानी शुरु करता हूं जहां पर अधूरी रह गयी थी बरसात की रात पार्ट १ में आप सबने पढ़ा ही होगा कि किस तरह से मेरी अजनबी आंटी से मुलाकात होती है और जिन्होने नहीं पढ़ा वो प्लीज़ पार्ट १ पढ़े फ़िर यहां से शुरु करें तो उस दिन रात को मुझे सोया हुआ जानकर आंटी ने मेरा लंड मुंह में भर लिया और फ़िर मेरी आंख खुल गयी और उसके बाद हम लोग सारी लाज हया त्याग कर चुदायी करने में जुट गये आंटी तो पहले से ही नंगी थी और मैं सिर्फ़ लुंगी ही लपेटे हुए था जिसे आंटी ने सरका कर मेरा लंड बाहर निकाल कर होंठों में भरा था अब वो भी मैने उतार दी थी और पूरी तरह से मैं भी नंगा हो चुका था और आंटी मेरे फ़नफ़नाये लंड को बड़ी मोहब्बत से देख रही थी और किसी लालची बिल्ली की तरह जबान होंठों पर फ़िरा रही थी मैं वहीं सोफ़े पर बैठ गया और आंटी से कहा अब जब शरम का परदा हट ही गया है तब पूरी तरह से बेशरम होकर जवानी के मज़े लूट लो आप भी…