मैं बड़ी देर तक साहिल के लन्ड को देखती ही रही । एक नये किस्म का लौडा मेरे हाथ मे था । मैं मन ही मन सोच रही थी की मैंने अभी तक दर्जनों लन्ड पकडे है, दर्जनों लन्ड से चुदवाया है, उन्हें चाटा है चूसा है लेकिन यह लन्ड कुछ अलग तरीके का है । इसकी लम्बाई और चौड़ाई देख कर ही मेरी चूत मे बड़ी हलचल होने लगी है । मुझे नहीं मालूम था की मेरी सहेली के हसबैंड का लौडा इतना बड़ा और इतना मस्त होगा । मैं तो बस यही समझ रही की लौडा साधारण होगा जैसे आम लोगों का होता है लेकिन नहीं ये तो आसाधारण है । साहिल के इस लन्ड ने मेरा दिल जीत लिया । मेरी नज़र तो इस लौड़े से हट ही नहीं रही थी । मेरे मन ने कहा बड़ी मुश्किल से मिलता है ऐसा मस्त “लौडा” ? सवेरे जब शबनम से बात हुई थी तो उसने बस इतना ही कहा था की मैं उनकी झांटे बनाकर तुम्हारे पास भेजूंगी और तुम बड़े मजे से चुदवा लेना फिर बताना मुझे की मेरे हसबैंड का लन्ड तुम्हे कैसा लगा ? इसके पेल्हड़ भी उतने ही मस्त है जितना की लन्ड ? लन्ड का सुपाडा हाय अल्ला, एकदम लाल टमाटर ऐसा ? मेरी जबान अपने आप बाहर निकल आयी । लन्ड देखकर मेरे मुह मे पानी आ गया और मेरे मुह से लार टपकने लगी । मैंने अपनी जबान सुपाडे के चोरों और घुमानी शुरू की । मुझे मज़ा आ रहा था लन्ड चाटने मे । मैं उसे चारों तरफ देख भी रही थी और चाट भी रही थी । साहिल बेड पर बिलकुल नंगा लेटा था । मैं भी उसके साथ नंगी लेटी थी । मेरी टाँगें उसके मुह की तरफ थी । वह मेरी चूत सहला रहा था और चाट भी रहा था और मैंने अपना मुह उसके लन्ड के पास रख लिया था । मैं बार बार लन्ड को प्यार कर रही थी । कभी उसकी चुम्मी लेती कभी जबान निकाल कर चाट लेती और कभी लौडा पूरा मुह मे घुसेड कर चूस लेती । इतने मे कमरे अचानक से मेरा देवर आ गया ।…
August 23rd, 2011 at 8:51 pm
To dewar se bhi chudwai kya