लेकिन मैं अब मुट्ठ मार-मार कर थक गया था और उसको हर हाल में चोदना चाहता था ! एक दिन भगवान ने मेरी सुन ली और मेरे परिवार को एक शादी में मुंबई जाना पड़ा एक हफ्ते के लिए। मैंने उसको अपने घर बुलाया तो थोड़ी ना-नुकुर के बाद आने को तैयार हो गई.. जैसे ही वो कमरे में आई मैंने उसको अपनी बाहों में भर लिया और बोला- कब से तुम्हरे लिए तड़प रहा था उसने भी मुझे अपनी बाहों में ले लिया और चूमने लगी….. मैं चूमते हुए उसकी चूचियाँ दबा रहा था और धीरे से उसकी चूत को सहलाने लगा, उसके मुँह से सेक्सी-सेक्सी आवाजें निकलने लगी… धीरे से मैंने उसको बिस्तर पे लिटाया और कपड़े उतारने लगा, लेकिन उसने कहा कि वो शादी के पहले सेक्स नहीं करना चाहती.. मैंने बोला- ठीक है, जब तक तुम नहीं चाहोगी मैं सेक्स नहीं करूँगा … लेकिन मैं तुमसे प्यार करता हू और तुम्हारे पूरे बदन को मैं चूमना चाहता हूँ…यह सुनने के बाद उसने मुझे नहीं रोका।..
You must be logged in to post a comment.