मेरा नाम ऋषि है मेरा घर दिल्ली में है। मैंने अपनी बी टैक जयपुर से की। मेरे दादा जी की साड़ियों की दुकान है। कभी-कभी मैं वहाँ जाकर गल्ले पर बैठ जाता था। हमारी दुकान पर विदेशी भी बहुत आते हैं। एक दिन दो विदेशी महिलाएँ हमारी दुकान पर आई, दोनों की उम्र लगभग 30 साल होगी। उन दोनों ने जींस-टॉप पहना था। उनमें से एक ने हमारी दुकान से एक साड़ी पसंद की और ब्लाऊज़ का नाप दिया, साथ में अपने होटल का पता दिया और कहा- ब्लाऊज़ हमारे होटल में दे जाना ! मैंने उनसे कहा- ठीक है ! दो दिन लगेंगे सिलने में ! मैं दो दिन बाद आ जाऊंगा। जब ब्लाऊज़ सिल गया तो मैं होटल में ब्ल्लूज़ देने पहुँचा, मुझसे मैनेजर ने पूछा- किधर जा रहे हो? मैंने विनम्रता से जबाब दिया- मैं 16 नम्बर कमरे में मैडम का सामान देने आया हूं, उन्होंने मंगवाया है। मैनेजर ने मैडम को कॉल करके पूछा- कोई लड़का आया है सामान लेकर ! आपने मंगवाया था क्या? मैडम ने कहा- हाँ, उसको भेज दो मेरे कमरे में ! मैं कपड़े लेकर कमरे में गया तो मैंने देखा कि वो अंग्रेजन टॉप और ट्राऊज़र में बैठी हुई है। उसने मुझे अन्दर बुलाया और मैंने उसको गुड-आफ़्टरनून कहा।…
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