अभी तक अपना कौमार्य बचा कर रखा था। मैं तो चाहती थी कि अपना अनछुआ बदन अपने पति को ही सुहागरात में समर्पित करुँ पर इस शमा की बातें सुन सुन कर और इस पिक्की में अंगुली कर करके मैं भी थक चुकी थी। मेरी रातों की नींद इस शमा की बच्ची ने हराम कर दी थी। पर अब मैंने भी सोच लिया था कि एक बार चुदाई का मज़ा ले ही लिया जाए। …. इसी कहानी से मैं बी.ए. में पढ़ रही हूँ। पिछले सावन तक तो मेरा नाम मेरा नाम मीनल ही था। लेकिन पिछले सावन की उस बारिश भरी रात में नहाने के बाद तो मैं मीनल से मैना ही बन गई हूँ। आप भी सोच रहे होंगे कि अजीब झल्ली लड़की है ! भला यह क्या बात हुई- कोई सावन की बारिश नहा कर कोई लड़की भला मीनल से मैना कैसे बन सकती है ? ओह.. मैं बताना ही भूल गई। दरअसल बात यह है कि मेरी एक बहुत ही प्यारी सहेली है शमा खान। एक नंबर की चुद्दक्कड़ है। अपने भाईजान के साथ चुदाई के किस्से इस तरह रस ले ले कर सुनाती है कि मेरी मुनिया भी पीहू पीहू बोलने लग जाती है। मेरे साथ बी.ए. कर रही है। अगले महीने उसकी शादी भी होने वाली है अपने चचा के लड़के के साथ। पर उन्हें शादी की कोई जल्दी नहीं है क्योंकि वो तो शादी से पहले ही रोज अपनी सुहागरात मनाते हैं।..
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