तो दोस्तो एक बार फ़िर हाजिर है आपका दोस्त जतन गाँव जुलाना जिला जीन्द हरियाणा से आप सब के सामने अपनी जिन्दगी का एक और पन्ना लेकर। मैं थोड़ा देर से आप लोगों के साथ रु-ब-रु हो पाया उसके लिये मैं माफ़ी चाहूँगा। तो दोस्तो मुझे आप सबके मेल तो बहुत मिले पर जितनी मैं उम्मीद करता था उतने नहीं। मुझे कुछ भाभियों और आन्टियों के भी मेल मिले हैं। सबसे बडी बात, मैं आप लोगों से एक वादा करता हूँ कि मैं जो कुछ भी लिखूँगा वो मेरी जिन्दगी की सच्चाई होगी। हो सकता है जो हालात और नाम मैं लिखूं, वो काल्पनिक हों क्योंकि जिसने मुझे इतने विश्वास के साथ अपना सब कुछ सौपं दिया उसका नाम आप लोगों के सामने बताकर मैं उसे बदनाम नहीं कर सकता पर उसमें जो लड़की होगी, वो सच्ची होगी और मैंने जो कुछ उसके साथ किया वो भी सच होगा। तो आज की कहानी शुरु करते हैं ! अभी कुछ दिन पहले की बात है मैं कुछ काम से नरवाना गया हुआ था तो मैं अपने एक दोस्त के घर पे रुका हुआ था। मेरे दोस्त का घर जिस कालोनी में था, वहां महिला आयोग वालों का प्रोग्राम हो रहा था वो सब महिलाओं के अधिकारों पर भाषण दे रहे थे तो जैसा कि मैं प्रवृति से थोड़ा जिज्ञासु हूँ तो मैं भी वहां पर चला गया संयोग से मुझे सबसे आगे वाली सीट मिल गई।…
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