दोस्तो, सब कैसे हो ! उम्मीद है सब ठीक ठाक होंगे। सभी पाठकों और सबसे पहले आदरणीय गुरूजी को प्रणाम ! आप सबका धन्यवाद जो आप सबने मेरी कहानी ( कैसे बन गया मैं एक चुद्दकड़ गांडू ) को पसंद किया। उसके बाद भी मैंने कुछ कहानिया भेजीं हैं। उम्मीद है कि आपको पंसद आई होंगी। यह जो कहानी आज लिखने जा रहा हूँ यह आज से ठीक दो महीने पहले की बात है, पापा जी ने घर ऊपर वाला हिस्सा किराये पर देने का फैसला किया और एयरफोर्स में काम करने वाले मद्रास के रहने वाले एक युगल को दिया। बीवी एयरफोर्स स्कूल में टीचर है। बीवी पर तो नहीं मियां पर मेरी नज़र थी, ऊपर जाने के लिए सीढ़ियाँ अन्दर से ही निकलतीं थीं। जैसे कि आप सब तो जानते ही हैं कि मुझे लौड़ों से कितनी चाहत है ! एक दिन दोपहर की बात है, मैं कॉलेज से घर आया। बहुत गर्मी थी, मैं बाथरूम में नहाने के लिए जाने लगा, दिमाग में आया कि तौलिया तो ऊपर तार पर ही सूख रहा होगा। मैं ऊपर गया, उनका कमरा बंद था, अन्दर से बहसने की आवाजें आ रही थी।..
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