मैं छब्बीस साल की हूँ। सात साल पहले जब मेरी शादी मनोज से हुई तो ससुराल में मेरे पति के अलावा मेरे ससुर जी कुलभूषण ही थे। आज परिवार में मैं, मेरे पति मनोज, मेरा छोटा सा बेटा पल्ल्व और एक बेटी नताशा हैं। ससुर जी का देहांत हो चुका है। मेरे पिताजी का परिवार बहुत ग़रीब था। चार बहनों में से मैं सबसे बड़ी संतान थी। मेरी माँ लम्बी बीमारी के बाद मर गई। तब मैं सोलह साल की थी। माँ के इलाज के लिए पिताजी ने क्या कुछ नहीं किया। ढेर सारा कर्ज़ा हो गया। पिताजी रेवेन्यू ऑफिस में क्लर्क की नौकरी करते थे। इनकी आमदनी से मुश्किल से गुज़ारा होता था। मैं छोटे-मोटे काम कर लेती थी। आमदनी का और कोई साधन नहीं था कि हम कर्ज़ा चुका सकें। लेनदार लोग तकाज़े करते रहते थे। फिक्र से पिताजी की सेहत भी बिगड़ने लगी थी। ऐसे में मेरे सम्भावित ससुर कुलभूषण ने मदद दी। उनका इकलौता बेटा मनोज कुँवारा था। दिमाग़ से थोड़ा सा पिछड़ा होने के कारण उसे कोई कन्या नहीं देता था। कुलभूषण की पत्नी भी छः माह पहले ही मर चुकी थी। घर सँभालने वाली कोई नहीं थी। उन्होंने जब कर्ज़ के बदले में मेरा हाथ माँगा तो पिताजी ने तुरन्त ना बोल दी। मैं हाईस्कूल तक पढ़ी हुई थी। आगे कॉलेज में पढ़ने वाली थी। मेरे जैसी लड़की कैसे मनोज जैसे लड़के के साथ ज़िन्दगी गुज़ार सकेगी? …..
June 22nd, 2011 at 5:39 pm
Hi Mujhe Gaand Maarne me maja aata hai jis kisi ko marwana hai Mere se Contect kare?
June 23rd, 2011 at 2:30 pm
hello, ye kahani sun ke meri chut gili ho gayi jab kulbhusan apna kul ki garima rakh ne ke liye tut pade. 26 saal bahut chota hota hay didi tum lesb try karo na
July 3rd, 2011 at 10:51 am
hi sunia, kripya avaj mai reality lao na.