मैं अपने विचारों में खोया था कि अंगूर की रस घोलती आवाज सुनकर चौंक ही पड़ा। मैंने एक चुम्बन उसके नितम्बों पर फिर से लेते हुए कहा,“अंगूर ऐसे नहीं तुम पेट के नीचे एक तकिया लगा कर अपने नितम्ब थोड़े से ऊपर उठा लो और अपनी जांघें चौड़ी कर लो फिर ठीक रहेगा !” वो झट से मेरे कहे मुताबिक़ हो गई उसे भला क्या ऐतराज़ होता। आप हैरान हो रहे हैं ना ? ओह … अगर आप नौसिखिये नहीं हैं तो मेरी इस बात से जरूर सहमत होंगे कि किसी भी कुंवारी गांड को पहली बार बहुत प्यार से मारा जाता है ताकि उसे भी गांड मरवाने में उतना ही आनंद आये जितना उसके प्रेमी को आ रहा है। दरअसल पहली बार गांड मारते समय अपने साथी को कभी भी घोड़ी वाली मुद्रा में नहीं चोदना चाहिए।..