आपकी कुसुम का चौड़ी टांगों, मदहोश जवानी से पाठकों को एक बार फिर से प्यार एंड नमस्कार ! अपने बारे में ज्यादा न बताती हुई क्यूंकि अपनी कहानी के पहले भाग में मैंने अपना पूरा ब्यौरा दे दिया था। सो दोस्तो, पति के ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद किस तरह मेरा रिश्ता अपने ससुर जी से बन गया, यह आपने पढ़ लिया। अब तो मानो मैं उनकी दूसरी बीवी की तरह रहती ! हैरानी वाली बात थी कि ससुर जी में इस उम्र में एक जवान लड़के से ज्यादा जोर, दम था कि उन्होंने एक कमसिन, कामुक, आग जैसी जवान बहू को संभाल रखा था। दोस्तो, जेठ जी को भनक पड़ गई और फिर उनकी मेरे ऊपर निगाहें टिक चुकी थी। ऊपर से जेठानी के जनेपे के लिए उनके पीहर भेज दिया जिससे उनकी वासना और बढ़ गई। करते भी क्या ! औरत पेट से थी तो लौड़े का क्या हाल होगा ! लेकिन मुझे तो ससुर जी ही नहीं छोड़ते थे लेकिन मेरा झुकाव अब जेठ जी की तरफ भी था, चाहती थी कि उनकी प्यास बुझाऊँ ! आखिर मौका मिल गया !….
March 12th, 2011 at 10:44 am
behatreen story
April 4th, 2011 at 2:31 pm
very nice story.