मेरा नाम रीना शर्मा है। यह कहानी उस वक्त की है जब मेरी शादी हुए छ: महीने हो चुके थे। मैं तो शादी के पहले से ही चुदने को बेकरार रहती थी। मेरी कई सहेलियों की शादी हो चुकी थी और वे अपनी चुदाई के किस्से मुझे सुनाती रहती थीं। सभी का कहना था कि जब चूत मैं पहली बार लँड घुसता है तो जो मजा आता है, वह मज़ा कोई लड़की बिना लँड लिये नहीं समझ सकती है। उसके बाद फिर चुदाई का आनंद तो इतना आता है कि कहना ही क्या। उनका कहना था कि रोज रात को टाँगें फैला और उचक उचक कर लँड लेने में जो मजा आता है वो तो दुनिया की किसी चीज में नहीं है। इसके अलावा, आदमी के ऊपर चढ़ कर चोदने में भी बहुत अच्छा लगता है। यह सब सुन कर मेरा मन भी लँड की कल्पना करता रहता था। अक्सर अकेले में मैं अपनी चूत में उंगली डाल कर अँदर-बाहर करती थी और सोचती थी कि कोई मुझे चोद रहा है। इससे मुझे काफी मजा आता था और कई बार मैं झड़ भी जाती थी। पर शादी के बाद मेरी चुदवाने की इच्छाओं पर पानी फिर गया। दरअसल मेरे पति का लँड पूरी तरह खड़ा ही नहीं हो पाता था। उन्होंने मुझे बताया कि वह तो खुद ही शादी नहीं करना चाहते थे परन्तु घर वालों के दबाव में आकर मजबूरन शादी करनी पड़ गई। वह मुझसे हमेशा कहते कि मुझे माफ कर दो।….
You must be logged in to post a comment.