एक दिन मेरे दोस्त कमल का फोन आया- यार जय, कल हम सभी लोग हरिद्वार जा रहे हैं, पापा ने कहा है कि तुमको भी हमारे साथ चलना है। मैंने कहा- कमल मैं आप लोगों के साथ कैसे जा सकता हूँ, अचानक आप कह रहे हो, मैं आप लोगों के साथ नहीं जा सकता। मैंने फोन रख दिया। 10-15 मिनट के बाद कमल के पापा का फोन आया- जय बेटे, तुम हमारे साथ क्यों नहीं चलना चाहते? मुझे मालूम है कि तुम हरिद्वार साल में एक दो बार जरूर जाते हो। मैंने कहा- अंकल जाता तो हूँ पर मुझे काफी सारे काम भी तो करने हैं, मेरे तो सारे काम रुक जाएँगे अंकल। तो अंकल कहने लगे- कोई बात नहीं, मैं कौन सा तुमको रोज-रोज कहता हूँ, तुम कल तैयार रहना ! अब मैं कुछ नहीं जानता ! और यह कहकर फोन काट दिया।..
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